का ये सवेरा है..
झूठ फरेब बेईमान लोगों का
जिसमें डेरा है..!!
रक्षक ही देखो बन जाता
जिसमें दुश्मन है..
ये कैसी मुश्किल कैसी आफत
का ये डेरा है..!!
देख रहा हूं
खुद अब इन में आंखों से..
की कैसे चोर ही बनकर बैठा
इसमें राजा है..!!
यहां कोई खड़ा हो जाए
सच के साथ अगर..
तो पल में मिटाने के लिए बैठी
उनकी एक सेना है..!!
ये कैसी मुश्किल कैसी आफत
का ये सवेरा है..
झूठ फरेब बेईमान लोगों का
जिसमें डेरा है..!!
क्या कोई नहीं
जो इस सिस्टम को जड़ से
मिटा सके..
मेरे देश मेरे वतन को
जो इनसे बचा सके..!!
क्या कोई नहीं
जो लड़कर इनसे जीत सके..
मेरे भारत मेरे वतन को
जो इनसे से बचा सके..!!
ये कैसी मुश्किल कैसी आफत
का ये सवेरा है..
झूठ फरेब बेईमान लोगों का
जिसमें डेरा रहा है..
झूठ फरेब बेईमान लोगों का
जिसमें डेरा है..!!
Nice
ReplyDeleteVery nice
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