सच का तू साथ दे
न्याय शक्तिपीठ का
तू सदैव ध्यान दे..
ना कोई है तेरा
ना कोई था तेरा
इस बात पर मेरे
तू सदैव ध्यान दे..
आसमा को चीर के
तू समय को मात दे
अपनी जीती जीत को
तू सभी में बांट दे..
छल कपट त्याग दे
सच का तू साथ दे
न्याय शक्तिपीठ का
तू सदैव ध्यान दे..
क्या नहीं जो पास तेरे
जो मांगता हर किसी से है
अपनी धीमी इस सोच पर
तू अभी से जोर दे..
वक्त इस हालात पर
उदासी अपनी छोड़ दे
उठकर हंसकर फिर जरा तू
इस वक्त को ही मोड़ दे..
छल कपट त्याग दे
सच का तू साथ दे
न्याय शक्तिपीठ का
तू सदैव ध्यान दे..
क्यों बिखर के है पड़ा तू
अभी रास्ते बहुत से हैं
चल जरा तू उठकर अपने
इन रास्तों को मोड़ दे..
है नहीं जो पास तेरे
तू व्यर्थ ना उसपर ज़ोर दे
है अभी जो पास तेरे
तू सिर्फ उसी पर ज़ोर दे..
छल कपट त्याग दे
सच का तू साथ दे
न्याय शक्तिपीठ का
तू सदैव ध्यान दे..!!
Nice
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