छीन लो जो है तेरा
छीन लो जो है तेरा
नही तो कल यही तड़पाएगा
वक्त की तलहटी तक
फिर यही रह जायेगा..।।
ना रहो ख़ामोश तुम
सब तेरा छीन जायेगा
साम, दाम, दण्ड भेद
के तले दब जायेगा..।।
कर इरादा नेक तू
सब तुझे मिल जायेगा
ख़्वाब भी फिर हकीकत
में तेरा बदल जायेगा..।।
ना घमड़ अहंकार कर
सब यही रह जायेगा
प्यार के लिए तू फिर
तरसता फिर रह जायेगा..।।
लगा गले जो है तेरा
नही तो हाथ से फिसल जायेगा
सच कहूं तो वक्त भी
तेरे हाथ फिर ना आयेगा..।।
— Ranjeet Sharma
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