कड़वी बात
"मन मैं है रावण का वास"
"और फिर रहे है चारों धाम"..!!
"करके लाख हजारों पाप"
"और भज रहे है हरी का नाम"..!!
कैसा घोर कलयुग "हे राम"
"अपने ही बच्चे गैरो के हाथ"..!!
"यहां कोई नही है तेरे साथ"
"यहां बनके मीठे सब करते है वार"..!!
"ये कड़वी वाणी है मेरी बात"
"यहां खुद के आलावा ना कोई किसी के साथ"..।।
"कुछ और कहूं क्या इसके बाद"
"यहां कोई नही है तेरे साथ"..!!
– Ranjeet Sharma
This is very nice
ReplyDeleteThankyou ❤️❤️
DeleteBilkul sach baat h bhai
ReplyDeleteThankyou
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