जरा देख मेरी नजरों मैं तुझे ये ऐहसास होगा
तेरे बिन हूं अधूरा मैं तुझे फिर ये ऐहसास होगा।।
ना कटता दिन ना कटती रात तेरे बिन ए ज़ालिम
क़रीब आ देख मुझे एक बार तुझे फिर ये ऐहसास होगा।।
निकम्मा हो चुका हूं मैं तेरे एक दीदार के ख़ातिर
तू डर मत थाम मेरा ये हाथ तुझे फिर ये ऐहसास होगा।।
पता है ये मुझे की तू मुझसे कही है बंधी हुई
समझकर देख मुझे एक बार तुझे फिर ये ऐहसास होगा।।
मैं मसखरा हूं मैं पागल हूं तेरी एक मुस्कान के ख़ातिर
रूठकर देख मुझे एक बार तुझे फिर ये ऐहसास होगा।।
—Ranjeet Sharma
V.nice
ReplyDeleteThankyou
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ReplyDeleteThankyou
DeleteVery nice, 👌
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DeleteMesmerising words
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Deletebeautiful lines amazing
ReplyDeleteGood Job
ReplyDeleteThankyou
DeleteThankyou
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